8 और बाकै पकड़कै मारडारीं और अंगूर की बारी के दुआरे फेंक दईं।
8 और बे बोके पकणके मारडारीं, और लहासके अंगुरको बारीसे बाहिर फेक दइं।
ईसु कही, “दुसरी कहानी कै सुनौ। एक बार एक जमीनदार रहै जो एक अंगूर की बारी लगाई, बाके चारौ तरफ एक बेहड़ा लगाई, फिर दाखरस निकारन ताहीं एक गड्डा खोदी और रखबारी ताहीं एक मिनार बनाईं, और कुछ किसानन कै किराय मैं दैकै सफर कै चलो गौ।
और बे बाकै पकड़ीं और अंगूर की बारी से निकारकै मारडारीं।
बे कमईंयाँ आपस मैं कहीं, ‘जहे तौ बारिस है; आबौ हम जाकै मार डारैं, तौ जमीन हमरी हुई जाबैगी!’”
“तौ अब, अंगूर की बारी को मालिक का करैगो?” बौ आए कै बे कमईंयन कै बरबाद कर देगो, और अंगूर की बारी दुसरे कै दै देगो।
इसलै बे बाकै अंगूर की बारी से बाहर निकारकै मारडारीं। फिर ईसु पूँछी, “अंगूर की बारी को प्रभु बे किसानन के संग का करैगो?”