28 जब ईसु जे बातन कै कह चुको, तौ भीड़ बाके सिक्छा से अचम्भित भइ।
28 जब येशू जा बात कहेडारी तओ भिड बाको शिक्षामे अचम्मो मानी।
जब ईसु अपने बारह चेलन कै निर्देस देन के बाद, ईसु हुँआँ से चल पड़ो और गलील परदेस के नगर मैं उपदेस देत घूमन लगो।
जब ईसु जे बातन कै कहेन के बाद, बौ गलील से लौटकै यहूदिया के छेत्र मैं यरदन नदिया के पार चलो गौ।
जब भीड़ जौ सुनी, तौ बे बाके उपदेस से चकित हुईगै।
जब ईसु जे सब बात कह चुको, तौ अपने चेलन से कहेन लगो,
मेंहें आओ, बाढ़ आई, आँधी चली बौ घर से टक्कर खाई और बौ बुरी तरह से ढह गौ!”
काहैकि बौ उन्हैं यहूदि नियम के सिक्छक के तराहनी नाय; बल्कि एक अधिकारी के तराहनी सिक्छा देत रहै।
और लोग बाके उपदेस से चौहोंक गै; काहैकि बौ उनकै यहूदि नियम के सिक्छक के हानी नाय, बल्किन अपने अधिकार से उपदेस देत रहै।
जौ सुनकै मुखिया पुजारी और यहूदि नियम के सिक्छक ईसु कै मार डारन की सोचन लागे; काहैकि बे बासे डरात रहैं, और बाके उपदेस से पूरो झुंड अचम्मो मानत रहैं।
साबत के दिन सभाघर मैं उपदेस देन लगो, और भौत से आदमी सुनकै चोहोंक गै और कहेन लगे, “जाकै इत्ती बढ़िया-बढ़िया बात कितै से आए गईं?” जाकै इतनी अकल कहाँ से आए गई? जौ इतने सामर्थ्य के काम कैसे करकै करो?
लेकिन उनकै ऐसो करन को कोई तरीका ना मिलो, काहैकि सब जनी बाकै सुने करत रहैं, और कोई भी बाकी बात कै छोड़नो ना चहात रहैं।
और जो बाकै सुनत रहैं, बे बाके बुद्धिमान जबाब से बड़ा हैरान हुई जात रहैं।
और बे सब ईसु कै सराहीं, और जो अनुग्रह की बात ईसु के मोहों से निकरत रहैं, उनसे बे अचम्मे भै; और कहेन लागे, “का जौ यूसुफ को लौड़ा ना है?”
बे ईसु के उपदेस से अचम्मे भै, काहैकि ईसु बचन कै सबके अधिकार से बात करी रहै।
जब ईसु लोगन कै अपनी पूरी बात सुनाए चुको, तौ कफरनहूम मैं गौ।
तौ यहूदि नेता चौहोंक कै कहीं, “जाकै बिना पढ़े बिद्या कैसे आए गई?”
सिपईय्या जबाब दईं, “अभै तक कोई इंसान ऐसी बातैं नाय करीं!”