“अच्छो फल पान के ताहीं तुमरे झोने एक अच्छो पेंड़ होनो चाहिए; अगर तुमरे झोने खराब पेंड़ है, तौ तुमरे झोने खराब फल होंगे। काहैकि पेंड़ अपने फल से पहचानो जाथै।
और जहे ताहीं जौ मामले मैं, मैं तुमसे कहथौं, इनसे कोई मतलब भी मत रखियो; और इनकै अकेलो छोड़ देयौं! अगर जौ योजना आदमिन घाँईं से होगी तौ अपने आपै खतम हुई जागी,