38 जौ सबसे पहली और बड़ी आग्या है।
38 महान और पहिलो आज्ञा जहेहए।
ईसु जबाब दई, “‘तैं अपने पूरे मन और पूरी आत्मा, और पूरे दिमाक के संग अपने प्रभु परमेस्वर से प्यार कर।’
फिर ऐसिये दुसरी आग्या जौ है: ‘अपने परोसी से बैसिये प्यार कर जैसे तुम अपने आप से करथौ।’
तुम सच्ची बात जानथौ, और अगर तुम उनमैं चलौ तौ तुम धन्य हौ!