36 बे पूँछीं, “गुरुजी, नियम मैं सबसे बड़ी आग्या कौन सी है?”
36 “महान गुरु, मोशाको नियम कानुनमे बडो आज्ञा कौनछो हए?”
ऐसिये बाकै अपने अईय्या और दऊवा को आदर करन की जरूरत नाय, जौ तरीका से तुम अपने रीति-रिवाजन की बजह से परमेस्वर की आग्या कै नकारत हौ।
और उनमैं से एक नियम को सिक्छक, बाकै एक सबाल के संग फसान की कोसिस करी।
ईसु जबाब दई, “‘तैं अपने पूरे मन और पूरी आत्मा, और पूरे दिमाक के संग अपने प्रभु परमेस्वर से प्यार कर।’
“फरीसियौ तुमरे ताहीं कितनो भयानक है! तुम परमेस्वर कै मसाला और पुदीना और भौत सी जड़ी बूटिन के पौध जैसे मौसमी जड़ी बूटिन को दसमों हिस्सा देथौ, लेकिन तुम परमेस्वर के प्यार कै टाल देथौ; जौ तुमकै दुसरेन कि उपेक्छा के बिना कोसिस के न्याय करनो चाहिए।”