पतरस जबाब दई, “हाँ, देथै।” जब बौ घरै आओ, तौ ईसु बाके पूँछन से पहले बासे कही, “सिमौन तैं का समझथै? पृथ्वी के राजा लगान या कर कौन से बसूलथैं? अपने लौड़न से या परायन से?”
“फिर जब बौ सेवक हुँआँ से जात रहै, तौ बाकै बाको साथी सेवक मिलो, जोकै बासे कुछ पैसा लेने रहै, बौ बाको गिल्चुआ पकड़ लई और बाको गला दबात भइ बोलो जो तोकै मेरो देने है बाकै लौटाय दे।
मैं सुनो कि चारौ जिंदे जीव के बीच मैं से एक अबाज आए रइ है, “एक दिन की मजदूरी के ताहीं एक किलो गेंहूँ, और एक दिन की मजदूरी के ताहीं तीन किलो जई। लेकिन तेल और दाखरस की बारिन कै नुकसान मत पहोंचाबौ!”