40 तुम का सोचथौ, जब बौ अंगूर की बारी को मालिक आबैगो, तौ बे किसानन के संग का करैगो?”
40 “जहेमारे जब अंगुरको बारीको मालिक अएहए, तओ बो बे किसानदारनके का करैगो?”
जब अंगूरन कै समेटन को समय आओ तौ, बौ अपने सेवकन कै फसल को हिस्सा लेन के ताहीं भेजी।
और बे बाकै पकड़ीं और अंगूर की बारी से निकारकै मारडारीं।
बे उत्तर दईं, “बौ बे बुरे आदमिन कै मार देगो; और अंगूर की बारी कै कोई और ठेका औरै किसानन कै देगो, जो बाकै सई समय मैं फसल को हिस्सा दे करंगे।”
“तौ अब, अंगूर की बारी को मालिक का करैगो?” बौ आए कै बे कमईंयन कै बरबाद कर देगो, और अंगूर की बारी दुसरे कै दै देगो।
तौ सोच लियौ कि बौ कितने औरौ कितने बड़े दन्ड के लायक ठहरैगो, जो परमेस्वर के लौड़ा कै पाँव से रौंदो, और वाचा के खून कै जोके जरिया बौ पवित्र ठहराओ गौ रहे, अपवित्र जानी है, और अनुग्रह की आत्मा की बेजती करी।