25 सुबेरे के लमसम तीन से छ: बजे के बीच ईसु पानी मैं नेंगत भौ आओ।
25 सुबेरे होनसे कुछ देर पहिले येशू समुन्दरके उपर नेगत बिनके ठिन आओ।
पर जौ जान लियौ कि अगर घर को मालिक जानत होतो कि चुट्टा कित्ते बजे की बेरा आगो, तौ जगत रहातो; और अपने घर मैं चोरी नाय होन देतो।
जहेमारे जगत रहियो, काहैकि तुम कछु नाय जानथौ कि घर को मालिक कब आए जाबै, संजा कै या आधी रात कै या मुर्गा के बास देन के समय या दिन निकरन से अग्गु।
जब बौ देखी कि चेला पतवार चलात-चलात थक गै हैं, काहैकि ब्यार उल्टा उन्हईं घाँईं चलै, तौ तीन से छ: बजे के करीब मैं भुकभुको होन से पहले बौ पानी के ऊपर नेंगत भै चेलन के झोने आओ; और बौ चेलन से अग्गु जान ताहीं करै,
अगर बौ आधी रात कै या बाके बाद आयकै उनकै जगत भइ पाबै, तौ बे नौकर कितने खुस होंगे!
तौ जब बे चप्पु चलात-चलात पाँच-छै किलो मीटर के लमसम निकर गै, तौ बे ईसु कै झील मैं चलत भै और नईंयाँ के झोने आत भौ देखीं, और बे गजब डराय गै।
और बाके हात मैं एक छोटी किताब खुली रहै। बौ अपनो दहनो पाँव समुंदर मैं और बौ पृथ्वी मैं रखी,
फिर जो स्वर्गदूत कै मैं समुंदर और जमीन मैं ठाड़ो देखो, बौ अपने दहने हात कै स्वर्ग के घाँईं उठाई
फिर बौ अबाज जोमैं स्वर्ग से बोलत भै सुनो रहौं, बौ फिर मोसे कही, “जा, जो स्वर्गदूत समुंदर और पृथ्वी मैं ठाड़ो है, बाके हात मैं की खुली भइ किताब लै ले।”