26 जब गेंहूँ मैं अंकुर निकरे और बामै बाली आई, तौ घाँस के जंगली पौधा भी दिखाई देन लगे।
26 जब पेण निकरो तओ बोमे दाना लागे, और उवाजओ फिर दिखानो।
पर जब आदमी सोत रहैं, तौ बौ आदमी को दुस्मन आओ और गेंहूँ के बीच मैं जंगली पौधा के बीज बोई और चले गौ।
तब खेत के मालिक के सेवक बाके झोने आयकै कहीं, ‘मालिक, तैं तौ अच्छो बीज बौ रहै, फिर जंगली पौधा कहाँ से आए?’