36 जब बौ झोने से छिरत भइ भीड़ कै सुनी, तौ बौ पूँछी, “जौ का ही रौ है?”
36 एक भिड किनारेसे जाएरहो हए करके सुनके “जा का हए?” कहिके बो पुछीं।
तौ बौ एक सेवक कै बुलबाए कै पूँछीं, ‘कि जौ का ही रहो है?’
जब ईसु यरीहो के झोने आए चुको रहै, तौ हुँआँ एक अंधरा आदमी रस्ता मैं बैठकै भीख मांगत रहै।
बे बाकै बताईं, “नासरत को ईसु झोने से छिर रौ है।”