बहे भीड़ मैं एक बईय्यर रहै जोकै बारह साल से खून बहन कि बिमारी रहै, पूरी जिंदगी की जमा पूँजी इलाज मैं खर्च कर चुकी रहै तहुँओं बौ अच्छी होन मैं कामयाब ना भइ।
जब हुँआँ के परदेसी साँप कै बाके हात मैं लिपटो भौ देखी तौ आपस मैं कहीं, “सच्ची मैं जौ आदमी खूनी है, लेकिन जाको भाग्य जाकै जिंदो रहेन नाय देगो, भले बौ समुंदर के जोखिम से बच निकरो है।”