24 मोहों देखकै मत परखौ, पर सई न्याय करौ।”
24 आदमीके देखके न्याय मत् करओ, बल्कि ठिक-ठिक तरिकासे न्याय करओ।”
तौ कित्ते यरूसलेम मैं रहन बारे ऐसे कहेन लागे, “का जौ बौ नाय है, जोकै मार डारन की कोसिस करी जाए रइ है?
तुम जौ सरीर के अनुसार परखथौ; मैं कोई को न्याय ना करथौं।
तुम चीजन कि बाहरी उपस्थिति कै देखरै हौ। का कोई ऐसो आदमी है जो खुदकै या खुदकै मसीह से संबंधित मानथै? ठीक है, उनकै फिर से अपने बारे मैं सोचन देमैं, काहैकि हम मसीह के उतनोई हैं जितने बे करथैं।
भईय्यौ, और बहेनियौ हमरे महिमायुक्त प्रभु ईसु मसीह को बिस्वास तुम मैं भेद-भाव के संग नाय होबै।
तौ का तुम आपस मैं संका नाय करे और बुरे बिचार से न्याय करन बारे ना बने।
पर अगर तुम पक्छपात करथौ, तौ पाप करथौ, और नियम तुमकै अपराधी ठहराथै।