फिर ईसु परमेस्वर के मंदिर के आँगन मैं आओ, बे सबै जो मंदिर मैं खरीदत और बेंचत रहै, बे सबन कै खदेड़ दई; और ब्यापारियन कि मेज और कबूतरन कै बेचन बारेन के तखता पलट दई।
बहे समय ईसु भीड़ से कही, “का तुम तलवार और लठिया लैकै मोकै डाँकुअन के हानी पकड़न के ताहीं निकरे हौ? मैं सब दिन मंदिर मैं बैठकै उपदेस देत रहौं, और तुम मोकै ना पकड़े।
ईसु उनकै जबाब दई, “मैं जौ दुनिया से खुलकै बात करो हौं; मैं सभाघरन मैं और मंदिर मैं, जहाँ पर सब यहूदि जुराए करत रहैं, हमेसा उपदेस दौ और लुके छुपे मैं कछु नाय कहो।
जे सब बात होन के बाद बौ ईसु कै मंदिर मैं मिलो, और ईसु बासे कही, “देख, तैं अच्छो हुई गौ है; फिर से पाप मत करिये, ऐसो नाय होबै कि जासे कोई बड़ी आफत तेरे ऊपर आए जाबै।”
तौ ईसु मंदिर मैं उपदेस देन पोती चिल्लाए कै कही, “तुम मोकै जानथौ और ऐसियौ जानथौ कि मैं कहाँ को हौं। मैं तौ अपने आप से ना आओ पर मेरो पनारन बारो सच्चो है, बाकै तुम नाय जानथौ।