जौ सब सुनकै बहोत से फरीसी कहेन लागे, “जौ इंसान परमेस्वर की घाँईं से नाय है, काहैकि बौ साबत को दिन मानतै नाय है।” और जनी कहीं, तौ “पापी इंसान कैसे ऐसे चिन्ह दिखाए सकथै?” और उनमैं फूट पड़ गई।
सबसे पहली बात तौ जौ है कि मैं सुनों हौं तुम जो आपस मैं कलीसिया मैं जब जुराथौ तौ तुमरे बीच मैं लड़ाई होथैं ऐसो मेरे सुनन मैं आओ है और मोकै थोड़ी सो विस्वासौ है।
काहैकि तुम अभैले अपने सरीर के स्वभाव से काबू मैं हौ। तुम एक दूसरे से नफरत करथौ और एक दूसरे से लड़थौ। का जौ साबित ना होथै कि तुम अपने सरीर के स्वभाव से काबू मैं हौ? का तुम दुनिया के लोगन के हानी नाय जी रै हौ?