12 काहैकि जब पुजारी को पद बदलो जाथै? तौ नियम को भी बदलनो जरूरी है।
12 काहेकी जब पुजारी बदलत हएं, तओ मोशाको नियम कानुन फिर बदलन पणत हए।
तौ अगर लेवी पुजारी पद के जरिया सिद्ध हुई सकथै (जोके सहारे से लोगन कै नियम मिली रहै) तौ फिर का जरूरत रहै, कि दुसरो पुजारी मेलिकिसिदक की रीति मैं ठाड़ै, और हारून की रीति को न कहलाबै?
जोके बारे मैं जे बातैं कही गई हैं, बौ दूसरे गोत्र को रहै, और बौ गोत्र मैं से कोई भी पुजारी बनकै बेदी की सेवा मैं भाग ना लई।
काहैकि जे खाली खान-पीन बारी चीज, और तरह-तरह के हंदान के नियम के मुताबिक सरीर के नियम हैं, जो सुधार के समय तक के ताहीं ठहराए गै हैं।