बौ समय तू दुनिया की बुरी चाल पर चलो; तैं आकास मैं आध्यात्मिक सक्तियन की आग्या मानो, बौ आत्मा जो अब बे लोगन कै वस मैं करथै जो परमेस्वर के बिरोधिन मैं चलथैं।
काहैकि हम खुद एक बार मूर्ख, आग्या ना मानन बारे और गलत रहैं। हम सब तरहन की इच्छा और सुख के गुलाम रहैं। हम जो अपनी जिंदगी, डाह और जलन ऐसी जिंदगी जीत रहैं, और दुसरे हमसे नफरत और हम उनसे नफरत करत रहैं।