30 पौलुस खुद भीड़ के सामने जानो चहात रहै, लेकिन चेला बाकै जान ना दईं।
30 पावल फिर खेलको मैदान भितर जाएके आदमीनसे बात करन चाँहत रहए। पर चेला बोके नाए जान दइं
कुछ आसिया के देसन के अधिकारी, जो उनके दोस्त रहैं, बे उन्हऊँ कै खबर भेजीं नहोरे करीं कि रंगसाला मैं नाय आमै।
लेकिन उनमैं से कुछ जिद्दी रहैं और बिस्वास ना करत रहैं, पूरे समूह से बे प्रभु के रहा के बारे मैं बुरी बात कहीं। जौ बजह से पौलुस उनकै छोड़ दई और चेलन कै अपने संग लैगौ, और रोजाना बौ तुरन्नुस की स्कूल मैं बात-चीत करतो।
पौलुस जबाब दई, “मैं तौ तरसुस को यहूदि इंसान हौं किलिकिया के जाने-माने नगर को निवासी हौं। और मैं तोसे बिनती करथौं, कि मोकै लोगन से बात करन दे।”