8 जौ बजह से मैं तुमसे नहोरे करथौं कि बाकै अपने प्यार की निसानी देबौ।
8 जहेमारे मए तुमसे बिन्ती करत हओं, कि तुम बोके अभौफिर प्रेम करत हओ कहिके पक्का करओ।
इसलै जासे अच्छो जौ है कि बाकी गलती कै माफ करौ और प्रोत्साहन दियौ, कहूँ ऐसो नाय होबै कि ऐसो आदमी उदासी मैं डूब जाबै।
काहैकि मैं जहे ताहीं लिखो रहों कि तुमकै परख लेमौं, कि तुम मेरी सब बातन कै मानन ताहीं राजी हौ कि नाय।
तुमरे ताहीं, मेरे भईय्यौ और बहेनियौ, आजाद होन के ताहीं बुलाए गै हौ। लेकिन ऐसो ना होबै कि जौ आजादी सरीर के कामन ताहीं मौका बनै, बल्किन प्यार से एक दुसरे के गुलाम बनौ।
काहैकि हमरे झोने मौका होथै, कि हर एक के ताहीं और खास तौर पर बे आदमिन के ताहीं अच्छो करनो जो हमरे परिवार के बिस्वास मैं है।