22 लेकिन सरीर के बे अंग जो दुसरेन से कमजोर मालुम पड़थैं, बेईं भौतै जरूरी हैं;
22 बरु शरीरके बे अंग बहुतए जरुरी हएं जो औरे अंगसे कमजोर देखा पणतहएं।
आँखी हात से नाय कह सकथै, कि मोकै तेरी जरूरत नाय है! “और फिर ऐसियै मूड़, टाँग से नाय कह सकथै, कि मोकै तेरी जरूरत नाय है!”
और सरीर के बे अंग को हम आदर करनो नाय समझथैं उन्हईं कै हम जद्धे आदर देथैं; और हमरे सोभाहींन अंग औरौ सोभाएमान हुई जाथैं,
जैसो कि तुम हमरे ताहीं अपनी प्रार्थना के जरिये से हमारी मदद करथौ। तौ जौ होगो कि हमरे ताहीं भौत सी प्रार्थना को जबाब दौ जागो, और परमेस्वर हमकै वरदान देगो; और भौत से लोग हमरे ताहीं धन्यवाद देन के ताहीं उनकी अबाज उठांगे।