14 सरीर खाली एक हिस्सा से ना, बल्कि कई हिस्सन से बनो है।
14 हमर शरीरमे एकए अंगसे इकल्लो नाए, पर बेढम अंगसे बनो हए।
जैसे सरीर एक है, और बाके अंग निरे हैं, पर अंग भौत होत भै भी बासे सरीर एकै बनथै, बैसिये मसीह है।
अगर टाँग कहबै, “मैं एक हात नाय हौं, मैं सरीर से जुड़ो ना हौं,” जो जाकै सरीर को हिस्सा होन से नाय रखैगो।
तौ अगर सब अंग एकै होते तौ सरीर ना होती!
लेकिन अब अंग तौ निरे हैं, पर सरीर एकै है।
जौ बजह से झूठ बोलनो छोड़कै सब अपने परोसिन से सच्ची बोलौ, काहैकि हम आपस मैं एक दुसरे के अंग हैं।