रास्ता को किनारो मा अँजीर को झाड़ चोयके उ ओको जवर गयो। तब पान ला छोड़ ओमा अखीन काही नही पायो अना झाड़ लक कहीस, “अता लक तोरो मा कबच फर नही लगहेत।” अना अँजीर को झाड़ तुरूत सूक गयो।
मी न आपरो हरेक काम लक बतलायो। का महेनत करतो हुयो कमजोर गीन ला सम्भालनो। अना पिरभू यीसु को बचन ला हेत राखनो जरुरी सेत जसो वोना खुदच कहिसेत “लेवनो लक देवनो धन्य से।”
जो चोरी करनवालो से मंग चोरी नोको करेत, पर आपरो हात लक मेहनत करेत खुदच आपरो हात लक कोनी काम, जेकोलक जरुरत मा पड़यो हुयो ला देवनको लाई ओको कठा काही होहे।
तब जब तुमी पिरभू को रुप मा जिंदगी बितान काबिल होवजोस अना हमेसा आपरो चाल चलन लक वोला खुस करजोस ता तुमरो जिंदगी मा सबा परकार को साजरो करम पैदा करबिन, अना तुमी परमेस्वर को गियान मा बढ़बिन।
भाऊ गीन तुमी हमारो महेनत अना दुख महसुस होहे, का हमीना तुमरो पर बोझ नही बनन को मकसद लक कसो रात-दिवस काम धंधा करके तुमला परमेस्वर की साजरो बारता आयकवाया।
यो गोस्टी खरी से, अना मी चाव्हसु की तु ऐना गोस्टी गीन को बारे मा मजबुती लक बोलजोस। एकोसाठी की जिनना परमेस्वर पर बिस्वास करयो सेत। वय भलो-भलो कामगीन मा लगयो रव्हन को धियान करेत। जोन गोस्टी साजरी अना मानूस को फायदा की रव्हे।