6 असोच जुवान मानूसगिन ला भी आदर समेत समजावने की धीरजवन्त होवो।
अना हमी दुसरो को जसो नोको सोवनो पर जागतो अना चालु रव्हना।
कोनी बुजुरुग ला नोको डाटजोस, पर वोला अजी समझ के आदर समेत समझाजोस, वसोच जुवान गीनला भाऊ समझके समझाजोस।
अना तुमी जवान हुन, तुम्ही आयको बुजरुग को अधीन रव्हो, परंतु आपरो सब च जन एकमेक को सेवा करन लाय साठी नरम रव्हो एकोलाय का “परमेस्वर गरब करनवालो को विरोध करतत, पर गरिबांना मदत करतत।”
ओ बाबुजीहुन, मि तुमीला एकोलाई लिखासेऊ, काहेका तुमी, जोन सूरूवात लक रव्हसे तूमी ओला जानासेव। ओ जुवानहुन, मि तुमला एकोलाई लिखासेऊ, का तुमना ओना बुराई पर जीत पायासेव।