हे कपटी मोसे को नियम को गुरू अना फरिसी गुरू, गीन तुम पर हाय। तुम मानूस को लाई सरग को राज को किवाड़ बंद करोसो, न ता खुदच ओमा धस सक सो, अना न ता ओमा धसन वारा हिन ला धसन देसो।
आमी जान सेजन का मोसे को नियम जोन काही सांगा सेत, वा वय लोकगीन ला सांगा सेत, जोन कायदा को अधीन सेत। जोन को लक हरेक मानूस को जुबान मा ताला लगी जाय। अना परमेस्वर को पूढा सारो जग सजा को काबील मानो जाय।
एको संग-संग वय घर-घर हिंडके आलसी होवनो सिकासेत अना बल्की आलसी नही पर बक-बक करात ब्यस्त रव्हसेती अखिन दुसरो को काम मा हात भी डाकासेत अना अन्याई गोस्टी बोलासेत।
अदि कोनी बेवा का लेकरा अना नाती पोता होयेत त पहेल वय अपरोच खानदान को संग मा भक्ति को व्यवहार करना अखिन अपरो माय-बाप अदि ला उनको हक देवनो सिकेत काहेकि यो परमेस्वर ला साजरो लगासे।
काहेका मुखिया ला परमेस्वर को खजांची होवन को कारन कलिसीया को मुखिया ला निरदोस होवनो चाव्हसे। न ता जिद्दी, न ता गुस्सा करनवालो, न ता पियक्कड़, न मारपीट करन वालो, न ता नीच कमाई को लोभी होय,