13 पर यदि तुमी आपरो मानूस सुभाव को अनुसार रव्हअ सेव, ता तुमी मरन वालो सेव। तरी आतमा लक मनला मार के जिंदगी को दिवस बितावअ सेव। ता जित्तो रव्हन को मौका सेत। यो काजी आतमा लक बुरो करम ला मार डाखो।
एकोलाय मोरो संगी हुन! आमरो पर यो देह को करजा तो सेत, पर अमिला मानूस को स्वाभाविक मरजी को अनुसार जित्तो रव्हअनो नाहती। भलो च आमरो मन असो करन लाय साठी उकसावे।
मी आपरो देह ला तकलीप देवासू, अना वोला आपरो बस मा राखासू। कही असो ना भई जाय का दुसरो ला परचार को मघा, मी खुद वोको पर चलनवारा नही बनू कही लोक असो ना कव्हे का “दियो खाल्या अँधार सेत।”
जोन आपरी आँग की आदत को लाई बोवासे, उ आँग की माटी मा विनास की फसल कापासे; पर जोन पवीतर आतमा को लाई बोवासे, उ पवीतर आतमा की माटी मा अमर जीवन की फसल कापासे।
यहान तक तुमरो जुनो जिंदगी को तरीका को सम्बन्ध से तुमला सिक्सा दियो गयो होती का तुमी आपरो जुनो मानुसपन ला उतार फेकने जोन ओको भटकावन वारो मरजी हुन को लाई खराब बनयो हुयोसे।
अबा चोवो जबा तुमी ना सच्चाई ला मानत-मानत, सच्चौ भाऊचारा लक निस्कपट माया ला चोवान काजी आपरो आतमा ला पवितर कर लियो सेत। ता पवितर मन लक तेजी लक एक दुजो लक माया करन को आपरो निसान बनालेव।