8 पर पाप ना डाव चोवके हुकूम लक, मोरो मा, सब परकार को लोभ पैदा करीस। काहेका बिना मोसे को नियम को पाप मुरदा से।
लोभ, खोटो गोस्टी, छल, लुचपन, खोटो नजर, निन्दा, अहम अना मुरखता हिटसे,
अदी मि नही आतो, अना उनलक गोस्टी नही करतो, तो वय पापी नही ठयरतिन, पर अबा उनला उनको पाप लाई कोनी बहाना नाहती।
यदी मिना उनमा वय काम नही करतो जोन कोनी ना नही करयो सेत, ता वय पापी नही ठयरतत। पर अबा तो उनना मोला अना मोरो बाबूजी दुही ला चोवीसेत अना दुही लक बइर कियो,
काहे का मोसे को नियम को लक कोनी भी मानूस तन परमेस्वर को पूढा धरमी ठहरायो नही जाहेती। मोसे को नियम केवल पाप को गियान करासेत।
कानून परमेस्वर को गुस्सा ला कम करा सेत। तरी जितानी कानून नोहोति, उतानी हुकूम तोड़न को सवाल च नाहती।
कानून ला खोटो तरीका लक बढान को लाय पेस कियो गयो होतो। परा जबा पाप बढयो तबा परमेस्वर को किरपा भी लगत बढ़ गयो।
काहेका पाप ना मौका पायके हुकूम लक मोला बहकायो, अना वोको लक मोला मार डाख्यो।
तो का उ जोन साजरो होती। मोरो काजी मरनो को कारन बनी? कभी नही! पर पाप वोना साजरो चीज लक मोरो लाय मरनो पैदा करनवारा बनी। का वोको पाप पूढा चोवयेती। अना हुकूम को लक पाप गजब बेकार साबीत भई जाये।
एकलाय मी सहीमा उ नही सेऊ। जो असो काम करा सेत। बल्कि यो वा पाप सेत। जोन मोरोमा रव्हसेत।
मी तो मोसे को नियम बिना पयले जित्तो होतो। पर जबा हुकूम आयो तबा पाप जी गई, अना मी मर गयो।
मिरतु को डंक तो पाप सेत, अना पाप ला मोसे को नियम लक ताकत मिला सेत।