7 कोनि नेक इंसान को लाय मरनो कोनी मुस्किल काम सेत का? हव असो भी होय सका सेत कोनी असो करन को हिम्मत कर सका सेत।
काहे का ऐना लोकगीन ला “अक्ल मा गोटा” पड गयी सेत ज्यादा आयक सेत, इनना डोरा बंद कर लईसेत कदी असो न होहे, का वय डोरा लक चोवके, अना कान लक आयक के; मन मा समज लेहेति, अना बदल जाय अना, मि उनला साजरो करू।
एको लाई मोठो माया कोनतो से?का कोनी आपरो संगी को लाई आपरो जान देदे?
कायका उ साजरो मानूस होतो, अना पवीतर आतमा अखीन भरोसा मा “लबा लब भरो होतो।” अना दुसरो लगत सा लोकगीन पिरभू मा मिल गईन।
उनना मोरो जान को लाय आपरो जीवन ला जोखिम मा डाख दियो होतिन, अना केवल मी च नही पर गैरयहुदी गिनको सारो कलीसिया भी उनको धनवाद करासेत।
जबा अमी अता बेसहारा होतिन। तबच सही बेरा मा पापीगिन लाय मसीह ना आपरो बली दियो।
परा परमेस्वर ना अमिला दिसायो का उ आमरो लक कितरो माया करा सेत। जबा अमी अबा पापी होतिन। तब च मसीह आमरो लाय मरयो।
आमी ना माया एकोलाई जानिया का ओना आमरो लाई आपरो जान दे देईस; अना आमला भी आपरो भाऊ लाई जान देवनो जरुरी से।