पर अकेलो दुनिया को रचना च नही कुन्हावअ सेत। मंग परमेस्वर को भेटयो लका एक आतमा भी सेत। वा भी आपरो भितर ढुकअ सेत, काहेका अमी यो काजी परमेस्वर को रस्ता चोवा सेजन। का वो अमिला आपरो लेकरा बनाय के आमरो पुरो जिंदगी को सूटकारा कर देवे।
अना इतरोच नही पर उ कलीसिया लक निवाड़ो गयो सेत। का यो दान को काम काजी आमरो संग जाय। आमी यो सेवा यो लाय करतत का पिरभू को महिमा अना दया लक आमरो मन को तैय्यारी सबको पुढ़ा परगट भई जाय।
धन्य सेत उ मानूस, जोन परिक्सा मा उभो रव्हसेत। काहेका परिक्सा मा खरा साबीत होवासे उ जीवन को मुकुट पावन को काबील सेत। असो परमेस्वर ना उनको लाय वायदा करीसेस जोन वोको लक माया राखासेत।