काहेका अदी भगवान को लक उनको नकार दियो जानो लक जगत मा परमेस्वर को संग मेल मिलाप पैदा होवासेत। मंग उनको अपनायो जानो का मरयो हुवो लक जिलायो जानो नही होहेत।
आमी परमेस्वर को बैरी होतिन, पर जबा परमेस्वर को संग आमरो मेल, वोको टूरा को मरन लक भई गयो। तब परमेस्वर को सगं मेल हो जान को कारन लक, वोको टूरा को जीवन लक पक्को आमरो सूटकारा हो जाहेति।
पर अकेलो दुनिया को रचना च नही कुन्हावअ सेत। मंग परमेस्वर को भेटयो लका एक आतमा भी सेत। वा भी आपरो भितर ढुकअ सेत, काहेका अमी यो काजी परमेस्वर को रस्ता चोवा सेजन। का वो अमिला आपरो लेकरा बनाय के आमरो पुरो जिंदगी को सूटकारा कर देवे।
संगती मा उ धन्य वाद को बटकी जोन पर आमी धनवाद करासेत, का मसीह को खून को हिस्सादार नही। उ भाकर जोन ला आमी तोड़के जेवेसेजन का उ मसिहा को देह को हिस्सादार नाहती।
अना इतरोच नही पर उ कलीसिया लक निवाड़ो गयो सेत। का यो दान को काम काजी आमरो संग जाय। आमी यो सेवा यो लाय करतत का पिरभू को महिमा अना दया लक आमरो मन को तैय्यारी सबको पुढ़ा परगट भई जाय।
पर अबा तुमी परमेस्वर ला वोरख लियो सेव या असो कव्हबिन की परमेस्वर ना तुमला अपनाय लेइसेस, तो तुम्ही कसो मंग उन बेजोर अना बेसार उसुल गीन की आसरा ले सकासेव? का तुमी एक गन मंग उनकी सेवा अपनावन चाव्हसो?