21 पर तु मुनादी करा सेत, का चोरी नोको करो। अना तू खुदच चोरी करा सेत। पर तुमी स्वता ला सिक्सा नही देवा सो, पर दुसरो ला सिक्सा देवसो। तुमरो तो दियो खाल्या इंधार सेत।
यीसु ना कव्हयो, हे मोसे को नियम को गुरू गीन तुमला धिक्कार सेत, तुम्ही मोठो-मोठो नियम को बोझा जनता पर लाद देसो, जो उ नही उचल सक से। अखीन वो भारी बोझा ला तुम्ही बोट भी नही, लगा सकासो।
तबा वोना वोला कव्हयो, हे दुस्ट दास! मी तोरो टोन्ड लक, हिटयो गोस्टी लक, तोला दन्ड देवासू, तू मोला जानत होतो का मी कठोर मानूस सेव, जो मीना नही ठेवी सेव, वोला उचल लेवासू, अखीन मी जो नही बोयि सेव, वोला मी कापसू।
वोना उन लक कहीस, तुम्ही मोरो पर यो हाना जरुर कहजोस, हे बईद, अपरो आप ला साजरो कर, जो काही हमि न आयकी सेजन। जोन काम कफरनहुम नगर मा किरीसेस, ओला अपरो देस मा कर।
मी आपरो देह ला तकलीप देवासू, अना वोला आपरो बस मा राखासू। कही असो ना भई जाय का दुसरो ला परचार को मघा, मी खुद वोको पर चलनवारा नही बनू कही लोक असो ना कव्हे का “दियो खाल्या अँधार सेत।”
काहेकि सुध्द कियो हुया लोक खुदच मोसे को नियम पालन नही करासेत, बलकि वय तुमरो खतना करन चाव्हसेत जेनको लक वय यो गोस्टी कर सकबिन की आपरो-आपरो आँग मा यो धरम नियम अपनाय लियो से।