18 अना परमेस्वर को काजक मरजि सेत? तुमला मालूम सेत। अना मोसे को नियम को सिक्सा पायके, तुमिला खरो अना खोटोमा परख सेत।
जेनको लक तू जानले, का वा गोस्टी, अना जोन को गियान तुना पाईसेस। कसो अटल से?
आपरो मालीक को मन को गोस्टी जानके न जोन दास ना काही तैय्यार नही करयो, ना वोकी मन मुताबीक काम करीस, उ गजब मार खायेत।
तुमी यो गोस्टी जानासेव, अना अदी उन पर चलो तो धन्य सेव।
हरेक वा गोस्टी जोन गिरंथ मा पयले लक लिख्यो गयो सेत, अमिला सिक्सा देवन साठी सेत। जोन लक धीरज अना बढ़ावा गिरंथ लक मिलतो रहेत। जोन लक अमिला आस भटेत।
अना तु आपरो आप मा भरोसा राखासे, का मी अन्धरा गिन ला रास्ता चोवान वारा, अना इन्धार मा पडयो मानूस गीन को, उजाड़ सेऊ।
यहान तकन का तुमी साजरो लक साजरो गोस्टीहुन ला चहेतो जाननो, अना मसीह को दिवस तकन खरो बनयो रव्हो अना परख नोको जावनो।
सब गोस्टी गीन ला साजरो लक परिक्सा करो, जोन साजरी से वोला पक्को लक सम्हाल राखने।
पर जेवन तो सियानो काजी सेत जोनला खरो-खोटो को गियान सेत।
एकोलाय जोन कोनी भलाई करनो जानासे अना नही करा वोको लाई यो पाप से।