पतरस ना कहीस हाँ देवासे, जबा पतरस घर मा आयो। तबा यीसु ना पयले समौन लक पूछिस “तोरो का राय से? धरती को राजा गीन बरगन कोन लक वसुलसे, आपरो लेकरा लक या परायो लक”
एकोलाई काही भी होय, तुममा ला हरेक ला आपरी बायको लक वसोच माया करनो चाहिसे जसो तुमी खुदच अपरो आपला करोसो। अना एक बायको ला भी आपरो मरद को डर मानत हुयो ओको मान करनो चाहिसे।
एको संग-संग वय घर-घर हिंडके आलसी होवनो सिकासेत अना बल्की आलसी नही पर बक-बक करात ब्यस्त रव्हसेती अखिन दुसरो को काम मा हात भी डाकासेत अना अन्याई गोस्टी बोलासेत।
असो च अरे नवरा हुन, तुमी आपरो बायको को संगा मा अक्कलवरी लकरव्हो वोला कमजोर समझ के ना उनको आदर करो। जिंदगी को सहयोगी वारिस मानो। जेनको लक तुमरी पिराथना मा विघन नोको पहुचेत।