11 काहे का गीरंथ असो कव्हासेत का “जोन कोनी बिस्वास करहेत उ कभी नही लजाहेत।”
काहे का मन मा भरोसा राखन लक मानूस नेक बन जासे अखिन परमेस्वर लक सही संबंध भई जासे। अना स्वीकारनो लक हमीला बचायो जावा सेत। मजे आमरो सूटकारा होवा सेत।
गिरंथ काजक कव्हासेत? “चोवो, मी सिय्योन मा एक गोटा राखा सेऊ, जोनमा लोकहुन खोद्दा खाहेत, एक चट्टान जोन लक वय पड़ जाहेत। तरी जोन कोनी वोको मा बिस्वास करहेत, वा कभ्भू निरास नही होयेत।”
काहेकी पवितर गीरंथ मा लिखीयो से, “देखो, मी सिय्योन मा कोनटा को गोटा राख रहयो सेऊ। जोन बेचयो हुयो अना लगत किमती सेत। अना एकोमा जोन कोनी बिस्वास करहेत ओला कभीच लजानो नही पड़हेत।”