का तुमीला नही मालूम सेत? का बदी करन वालो परमेस्वर को राज मा वारिस नही होहेत। धोखा नोको खावो, छिनरापन करनवारा, ना तो मुरत पुजा करनवारा, ना दुसरो को बायको संग सोवनवारा, छिनाल,
जेना रिति लक सदोम गमोरा अना उनको आखा पाखा को नगर ना उन सरगदुतगीन को जसो छिंडरा करीन अखिन वय सुभाव को बिरोध वासना को दास बन गयीन। उनला कबच ना बुझनवारी स्तो मा झोक देन को सजा दियो गयीसे। वय आमला चेतावनी देन को रुप मा पायी जासे।