अना ओला ओनो जनावर को मूरति मा जान डाकन को हक मिल गयो। का जसो जनावर की मूरति मा परा न डाखेत वा बोलन लगयेत। अना जेतरा लोक इन ओनो जनावर की मुरत की पूजा-पाठ नही करयेत, उनला मरवाय डाकहेत।
मंग एको मंघा एक अखिन दुसरो सरगदूत आयो, अना कव्हन लगयो, “वोको सत्यानास भयी गयो सेत। मोठो नगर बेबीलोन को सत्यानास भयी गयो। वोना सब देस ला खोटो काम को नसा करायो होतो।”
वा बायको बैंगनी अना लाल रंग को कपरा अना सोन्नो, रतन अना मोती को जेवर घाल्यो हुयो होती। ओको हात मा सोन्नो को बटका होतो, जोन अपवितर चीज लज्जा अना खुदच ओकी छिंडरापन की गंदगी लक भरयो हुयो होतो।
एको मा बाकी असो लोक जोन यो मोठयो नास लक नही मरयो होतिन। उनना आपरो हात को काम लक अबा मन नही मुरकायो होतिन। अना भूत-पलित को अना सोन्नो खुरो, कासो, गोटा अना काड़ी को वोना मुरती को अराधना नहीं सोड़यो। जोनना चोव सका सेत। न आयक सका सेत। न च रेग सका सेत।