12 “आमेन” आमरो परमेस्वर को बड़ाई अना महिमा अना अक्ल अना धनवाद अना, मान अना ताकत जुगजुग तकन होवत रह। “आमेन”
अना हमला परिक्सा मा नोको डाख, पर बुराई लक बचाव, काहेकि राज् अना मोठयो ताकत अना महिमा हमेसा तोरो रहेत।
काहे का वोच को कन लक, अना वोच को लक अना वोच को लाय सब काही सेत। वोको महिमा सदा तकन होवत रवहे आमेन।
काहेका अदी तू आतमा च लक धन्यवाद करजोस, तो वहान को अनजान मानूस तोरो धनवाद मा आमेन कसो सांगेत? काहेका उ यो नही जानासेस का तु काजक कव्हसेत?
यो सब तुमरो साठी से; अना जसो की परमेस्वर की किरपा लगत स लोकगीन तकन पहुचसे, वय परमेस्वर की बड़ाई को धनवाद देन को साठी लगत पिराथना ला पेस करहेति।
ओमाच जड़ धरता अना बढ़ता जावने अना जसो तुमी सिकाया गया वसोच मा भरोसा मा पक्को होवतो जावने, अना लगत धनवाद करत रव्हने।
गोस्टी मा या काम मा जोन काही भी करोह सब यीसु पिरभु को नाव लक करोह, अना ओको नाव लक परमेस्वर बाबूजी को धन्यवाद करने।
हमरो पिरभु यीसु मसीह को कन लक हमरो परमेस्वर आमरो पाप मोचक की महिमा अना उचो नाव अखीन मोठो ताकत अना अधिकार, जसो अमर बेरा लक से। अबा तक होवासे अना जुगन जुग तक बनो रव्हे। आमेन!
मि मर गयो होतो अता मि सदा लक जित्तो सेव। मिरतु अना नरक को कुन्जी मोरो जवर से।
वय चौबीस बुजरूक अना चयार जित्तो जीव परमेस्वर को पुढ़ा, जो सिघासन पर विराजमान से, नमस्कार करीन अना बड़ाई करत होत कव्हन लगसेत: “आमेन, हाल्लेलूयाह!”