यीसु ना फरिसी को कड़ो मन ला चोयके उदास भय गयो, अना हिजड़ के चारो कन चोयीस अखीन ओनो मानूस ला कहीस “आपरो हात बढाव।” ओना बढाईस, अखीन ओको हात साजरो भई गयो।
देस-देस को खोटो मानूस गिनला मारन को लाय वोको टोन्ड लक एक तेज धार वालो तरवार हिटा सेत। अना लोहा को छड़ी लियो हुयो उ उनको पर राज करहेत। अना उ सबलक बलवान परमेस्वर को लगत तेज गुस्सा अना हिजड़नो को घानी मा अंगूर को रस निचोहेत।
ओनो राजगद्दी लक बिजली को चकचवधी बादर को गड़गड़ानो जसि आवाज हिटासे। अना राजगद्दी को पुढ़ा लपलपातो स्तो को सात टेमा पटायो होतीन। यो टेमा परमेस्वर को सात आतमा सेत।
मंग मिना चोवयो, जोन सिघासन मा बसो होतो, ओको उजो हात मा एक पावती मजे एक असो किताब जिनला लिख के लपट देत होतिन। जोन मा भीतर बहेर लिखी हुयी होती। अना सात सिक्का लगायके बंद करी गयी होती।