अरे अभागो खुराजीन नगर, अरे अभागो बैतसैदा नगर तुम्ही मा जोन अचरज को काम कियो गयो सेत। अदि नास कियो नगर, सुर अखीन सैदा मा होत्यो। त वहान की जनता, रड़त-रड़त गम मनाय के, कबा लक पाप लक मन ला हटाय लेई होतिन।
वोना दिवस मा अचरज दुख को मघा दिन इन्धार भई जाहेत। अना चन्दा को उजार खतम भई जाहेत। अना बादल मा जोन नक्सतर सेत, उ सब हिलायो जाहेत। तबा तारा चान्दनी बादल लक पड़ जाहेत।
उतरो च बेरा मोठयो भुयीडोल आयो, अना नगर को दसवा हिस्सा पड़ गयो। अना 7,000 लोकगीन मर गयीन। अना जोन लोक बचयो होतिन वय डराय गयीन। अना सरग को परमेस्वर को महीमा करन लगीन।
चौथो सरगदूत ना तुर्रा फुकिस, ता सूरज को एक तिहाई अना चँदा की एक तिहाई अना तारागीन की एक तिहाई हिस्सा पर कस्ट अना संकट छाय गयो। यहान तकन की पूरो एक तिहाई हिस्सा मा इँधारो भय गयो। अना दिवस को एक तिहाई हिस्सा इँधारो मा गयो। वसो रात मा भी भयो।