मंग मिना एक मोठयो सागर को जसो सब आयकयो जोन लगत मोठयो पुरा को अवाज अना बादल गरजन को अवाज जसो होतो। लोक गावत होतिन। “हल्लिलूय्याह! वोको जय हो, काहेका आमरो पिरभू परमेस्वर! सबलक बलवान राज कर रहयो सेत।”
मंग मीना चोवयो का वोना सिघासन अना वोना चार जीव को समोर अना उन सियानो गिन को हाजिर मा एक पाठी उभो सेत। उ असो चोवासेत जसो वोको बली चघायो गयो सेत। वोको सात सींघ होतिन जोन परमेस्वर को सात डोरा होतिन। जोन सपा धरती मा धाड़यो गयो होतो।
जब वोना उ पावती ले लियो, ता उन च्यार जीव अना चौबीस बुजरुक ना पाठी ला पाय पड़के परनाम करीन। उनमा लक हरेक को जवर बिना होतो। अना वय सुगन्धित चीज लक भरयो सोन्नो को धूपदानी राखयो होतिन। जोन संतगिन को पिराथना होतो।