20 आयको, मि देहरी मा उभो होयके किवाड़ ला खटखटायसू। अदी कोनी मोरी आवाज आयक के किवाड़ उघाड़ेत, ता मि उनको घर मा धसू, उनको संग जेहुँ। अना वय मोरो संग जेहेत।
असोच जबा तुम्हीला असो गोस्टी होवतो दिसेत। तो समज जावने का यो बेरा कठा नाहत, बल्की बेसकुड़ मा सेत।
अना यो नही कहे, की मोरो जेवन तैय्यार कर, अना मि जबा तकन जेव नही लेऊ, तबा पासुन तैय्यार रव्हके मोरी सेवा कर, एको मंघा तु भी जेव लेजोस।
जबा उ आपरो मेढा हुनला बाहेर हेड़ देसे अना उनको मोहरा-मोहरा चलासे। अना मेढा ओको आवाज ला आयकासेत अना ओको मंघा चलासेत।
अगा भाऊ गीन एक दुसरो पर दोस नही लगावो ताकि तुमी दोसी नही ठहरावो देखो न्याय करनवालो बेसकुड़ मा उभो से।
मंग मोरो लक उ कहन लगयो, “लिख जोन यो बिहा मा बुलायो गयो सेत, उ धन्य सेत।” मंग वोना कहयो, “यो परमेस्वर को खरो बचन सेत।”