अन्जान रूप मा आमी सेजन, मग आमी जग-जाहिर सेजन। लोकगिनला आवता च मेला का जबच मेला असो आमी चोवासेजन, पर आमी जित्तो सेजन, आमी ला अबा पिटाई पड़नवारा सेत आमी मर जाबिन असो लगसेत पर, अबा आमी जित्तो सेजन।
चोवो परमेस्वर ना तुमरो यो उदासी लक का भयो, तुमी कितरो ईमानदार सेव, अना निरदोस सेव यो साबीत करन काजी असो भई सेत। तुम मा जोन गुस्सा अना पलटा लेवन को बिचार, भेव अना खूब जोस पैदा भयो तुमीना हरेक परकार लक दिसायो का तुम निरदोस सेव।
जेने आपरो आप ला आमरो साठी दे देईसेस, की आमी ला हरेक परकार लक दुस्टपन लक छुड़ाय लेहे। अना आपरो बेचयोगयो लोकहुन को रुप मा आमीला पवितर करलेव, जोन लक नेक काम करन लाई आमी हरमेसा तैय्यार रव्हे।
धन्य सेत उ मानूस, जोन परिक्सा मा उभो रव्हसेत। काहेका परिक्सा मा खरा साबीत होवासे उ जीवन को मुकुट पावन को काबील सेत। असो परमेस्वर ना उनको लाय वायदा करीसेस जोन वोको लक माया राखासेत।
एकोलाय तु हेत कर की तु कहान लक पड़ीसेस। अना पाप लक मन ला हटाव, अना पयलो को जसो काम नही करसेस तो मि तोरो जवर आवसेऊ। अना मन नही फिरावजोस त तोरो दियोदानी ला तोरो हात लक छुड़ाय लेहुँ।