हे बाबूजी मी चाव्हुसु की जिनला तुना मोला देईसेस, जिता मि सेव, उता वय भी मोरो सँग होहेत। की वय मोरी महिमा ला चोहेत जोन तुना मोला देइसेस। काहे की जगत को पैदा होवन को पुढा तुना मोरो लक माया राखयोस।
एको बाद मिना चोवयो, अना दिसयो का हरेक कबिला, अना कुल अना लोकगीन अना भासा मा लक, एक असी लोक को गरदी, जेनला कोनी नही गीन सकत होतो। पाँढरो कपरा डाकयो, अना आपरो हात गीन मा खजुर की डारी गीन लियो हुयो, राजगद्दी को पुढ़ा अना मेढ़ा को पुढ़ा उभी दिसयो।