13 मि, पयलो अना आखीर, आदि अना अन्त सेव।
अदी ओमा परमेस्वर की महिमा होवासे, तो परमेस्वर भी आपरो लक ओकी महिमा करेत, अना तुरतई करेत।
की जो काही तु देखीसेस ओला किताब मा लिख अना सात कलीसिया गीन को नाव धाड़ मजे इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस फिलोदिपिया अना लौदीकिया ला धाड़ देव।
जबा मिना ओला दिसयो ता मरो हुयो जसो ओको पाय मा गिर पड़यो, वोना मोरो पर आपरो उजो हात राख के सागयो नको भेव खाय मी पयलो अना अखट्ट जिवित सेव।
परमेस्वर जो सब लक ताकत वर से, यो कव्हसे, “कवन से? कवन होतो? अना कवन आवन वालो से? मी च पयलो अना आखीर सेऊ।”
स्मुरना को कलीसिया को सरगदूत ला असो लिख, “उ जोन पयलो अना आखीर से। जिन मर गयो होतो अबा जोन दुबारा जित्तो भयो से। उ असो कव्हसेत।”
तबा ओना मोला साँगीस, यो सब गोस्टी पूरी होय गयी सेत! मिच पयलो अना आखीर सेऊ, जोन तहान से, जिंदगी को पानी को पिझरा लक बिना कीमत को पीवन भटेत।
“लौदीकिया को कलीसिया को दूत ला लिख।” जो आमीन, बिस्वास लायक अना खरो गवाह से, अना परमेस्वर को संसार को मुख कारन सेत, उ यो कव्हसे,