1 ऐको मंघा ओना सरगदुत ना मोला जिंदगी को पानी को नदी दीसायो, जोन स्फिटक को जसो निरमल, अना वोमा आरपार दिसत होतो, जोन परमेस्वर अना मेढ़ा को सिघासन लक हिटके,
परमेस्वर को उजो हात कन सब लक वरता पद पायके यीसु ना परम अजी को वादा को अनुसार पवितर आतमा पायके अना मग वोने यो आतमा ला आमरो पर उबडाय देईस जोनला तुमी अबा देखासेव अना आयकसेव।
तबा जिन सात सरगदूत गीन को कठा सात आखरी मुसीबत लक भरयो सात बटका होतीन। उनमा लक एक ना मोरो कठा आयके मोला सांगीस, “आव, मि तुमला नौरी मेढ़ा को नौरी दिसाऊ।”
मंग मि ना आयकयो, सरग मा अना धरती अना धरती को खाल्या अना समुंदर की बनयो हुयी चीज को, अना सबच काही जो उनमा से, जो राजगद्दी पर बसयो सेत ओको अना पाठी को धनवाद मान अना बड़ाई अना राजपाठ सदा रव्हे।
मंग मीना चोवयो का वोना सिघासन अना वोना चार जीव को समोर अना उन सियानो गिन को हाजिर मा एक पाठी उभो सेत। उ असो चोवासेत जसो वोको बली चघायो गयो सेत। वोको सात सींघ होतिन जोन परमेस्वर को सात डोरा होतिन। जोन सपा धरती मा धाड़यो गयो होतो।