उ मंदिर परमेस्वर को महीमा अना वोको ताकत को धुँगा भरयो हुयो होतो। तबा तकन वोना सात सरगदूत क सात बिनास को बेरा पूरो ना भयी जाय तबा तकन कोनी तम्बू को भितर नही धस सकेत।
ऐको मंघा ओना सरगदुत ना मोला जिंदगी को पानी को नदी दीसायो, जोन स्फिटक को जसो निरमल, अना वोमा आरपार दिसत होतो, जोन परमेस्वर अना मेढ़ा को सिघासन लक हिटके,
वहान अता लक रात होहेत नही। नाच ता उनला दियो को उजाड़ा को जरुरत होहे अना नाच सूरज को उजाड़ा, काहेका खुदच पिरभु परमेस्वर उनको उजाडो होहे। उ सदा राज करेहेती।