उ लेकरागिन ला सांगतो, “यो लोकगिन मोरो स्वता को देह अना रक्त सेत, एकोलाय यीसु स्वता उनको सारखा भयो अखिन वोको स्वभाव मानूस सारखा भय गयो, यासाठी की वोना आपरो मरनो लक सैतान को नास करे।” जोन को मरनो मा हक सेत।
मंग जेना सरगदूत गीन ना आपरो पद ला संभाल नही सकिन अना खुद को रव्हन को जघा ला तज देईन, ओना उनला ओना मुसीबत को दिवस को नियाव को लाई इंधारो मा जोन अमर बेरा को लाई से, बंधन मा राखीसेस।
ओना बादल को एक तिहाई तारागीन ला आपरी पुँछ लक समेट के धरती पर फेंक देईस। अना उ पंखा वालो सरप, वा बायको को समोर जोन लेकरा जलम देवन वाली होती, वोको उभो होय गयो। का लेकरा को जलम लेवन को संग वोला लील लेय।
जो जनावर मिना चोयो उ चीता को जसो होतो। अखीन ओको पाय रीछ को जसो, अना ओको टोन्ड सेर जसो होतो। ओना पंखा वालो सरप ना आपरो ताकत, आपरो सिघासन, आपरो अधिकार वोला दियो।
उनना पंखा वालो सरप को पूजा करीन। काहेकि ओना आपरो हक जनावर ला दियो होतो। उनना असो कव्हके जनावर को पूजा करीन, “यो जनावर को जसो कोन से? कोन एको सँग लड़ाई कर सकसे?”
तबा सैतान ला, जेना उनको सँग छल करी होतीन, स्तो अना गन्धक को झील मा फेक दियो जाहेत, जहान ओना जनावर अना खोटो भविस्यवक्ता ला फेक गयो से। वहान उनला सदा को लाई तड़पत रहेत।