2 “ओको न्याय खरो अना धरमी से, काहेका ओना ओनो बूरो बेसिया ला सजा देईसेस। जो आपरो छिंनालापन लक धरती ला खराब कर डाखि सेत। यो काजी परमेस्वर ना आपरो दास गीनको खून को बदला लेई सेस।”
वय परमेस्वर को सेवक, मोसे अना पाठी को यो गाना गावत होतिन, “हे सब लक ताकत वर पिरभू, परमेस्वर तोरो काम मोठा अना चमत्कार जसो सेत, हे जूग-जूग को राजा, तु न्यायी अना खरो सेत।”
ओ सरग अना पवीतर लोकगीन, पेरीत गीन, अना भविस्यवक्ता गीन, ओको पर खुसी मनाव, काहेकि परमेस्वर ना तुमरो पक्स मा अना ओको विरोध मा न्याय करीसेस।
सब देस ना ओको छिनालापन को नसा मा मत गयो सेत। अना धरती को सबा राजा गीन ना ओको सँगा छिंडरापन करीसेस। अना बिना रोक टोक को धनवान भयी गयो।”
उनको आतमा जोरलक हाकल के कव्हन लगीन, “ओ परमेस्वर! पवितर सच्चो, का तू संसार को न्याय नही करजोस?” अना आमरो रकत को बदला नही लेवजोस?