“सातवो सरगदूत ना जबा आपरो तुर्रा फूँकीस तो बादल मा लगत आवाज होवन लगयो।” वय कव्हत होतिन, “अबा जगत को राज आमरो पिरभू को सेत। अना वोको मसिहा को। अबा वा साजरो सासन लक हरामेसा राज करहेत।”
तबा मोला सरग मा एक ऊचो आवाज यो मुनादी करतो हुयो आयकयो दियो; “अब मुकती, ताकत, आमरो परमेस्वर को राज, अना मसीह को राज करन बेरा आय गयो से।” आमरो भाऊगीन पर जोन परमेस्वर को समोर हरामेसा दोस लगावत होतो। वोला हेड़ दियो गयो से।
मंग मिना एक मोठयो सागर को जसो सब आयकयो जोन लगत मोठयो पुरा को अवाज अना बादल गरजन को अवाज जसो होतो। लोक गावत होतिन। “हल्लिलूय्याह! वोको जय हो, काहेका आमरो पिरभू परमेस्वर! सबलक बलवान राज कर रहयो सेत।”