9 “सबा धरती को राजा जोन वोको संग मा छिनालापन मा मगन रहवत होतिन। जोन वोको संग अय्यासी करत होतिन। वोना स्तो को धुंगा चोवके रोवन अना चिल्लावन लगीन।”
पर जुवान बेवा गीन को नाव नोको लिखना काहेकी जबा वय मसीह को बिरोध करके सुख-विलास मा पड जासेत त बिहा करनो चाहवसेत।
जोन लोकगिन वोना जनावर या वोको मुरती को पूजा करतत, अना वोको नाव को छापा लगवासेत। ता उनको दुख हरामेसा जादा होहेत अना कदी राती दिवस चैन नही भेटेत।”
“धरती को राजागिन वा नगर मा खोटो काम करीन। अना वोना छिनाला पन को कारन धरती को निवासी मत गयीन।”
अना ओको जलन को धुँआ ला चोवके चिल्ला उठी सेत। “कोनतो नगर यो मोठो नगर को जसो से।”
ओ सरग अना पवीतर लोकगीन, पेरीत गीन, अना भविस्यवक्ता गीन, ओको पर खुसी मनाव, काहेकि परमेस्वर ना तुमरो पक्स मा अना ओको विरोध मा न्याय करीसेस।
सब देस ना ओको छिनालापन को नसा मा मत गयो सेत। अना धरती को सबा राजा गीन ना ओको सँगा छिंडरापन करीसेस। अना बिना रोक टोक को धनवान भयी गयो।”
वा जेतरी आपरो बड़ाई करके जितरो सुक भोगिसेत, तुमी भी ओला ओतरो च परेसानी अना कस्ट देव। काहेकि उ मन च मन कव्ह से, “मि ता रानी जसो सेव। मि बेवा नहीं सेव, मोरो कबच आंसु नही बहेत।”
उनना दुबारा गाना गायिन, “हाल्लेलूयाह! ओला भस्म करतो लपक को धुँआ सदा-सदा उठत रव्हेत।”
देख, मि ओला खाट पर डाक देसू, अना जो ओको जवर छिंडरापन करासेत, अदी वय ओको जसो कामगीन पस्तावा नही करयेत, ता उनला मोठो संकट मा डाखू।