वय दहा सींग जोनला तू ना चोवी सेत, अना वा जनावर वा बेसिया लक लगत गुस्सा करहेत। अना वोको सबा चीज हिसक लेहेत। अना वोला बिना कपरा को सोड़ देहेत। वय वोको आंग ला नास कर देहेत। अना स्तो मा जला डाखेत।
उनना आपरो-आपरो डोस्का पर धुल डाकिन अना चिल्लात रोवत अना कलपत होयो सांगीन, “हाय-हाय मोठो नगर जो की सम्पती लक सबच नाव वारा धनी होय गयो होतीन, अता घन्टा भर मा उ उजड़ गयो।”