11 धरती का व्यापार करन वारा वोको पर चिलावत रड़ेत “काहेकी उनकी चीजगीन ला अता कोनी नही लेहेत।”
पर वय जेवन मा नही आइन पर कोनी अपरो, खेत चली गयो अना कोनी अपरो, काम-धाम मा चली गयो।
अना परेवा बिकन वारो ला साँगीस, इनला इता लक ले जावो! मोरो परमेस्वर को घर ला, धंधा करन को सराव नोको बनाव।
अना वय बडबड गोस्टी ला लोभ को लाय बनाहेत, अना जोनको फैसला खूब पयले भयी गयोसेत। अना उनको मघा आवासेत। उनको नास झोपल्या नाही!
बैपारी जोन सहर मा धंधा करके धनवान होय गयी सेत। वय दुख को कारन लक भेव को मारे, दुहूर उभो होयके रोहेत। अना दुख मनाहेत,
ओ सरग अना पवीतर लोकगीन, पेरीत गीन, अना भविस्यवक्ता गीन, ओको पर खुसी मनाव, काहेकि परमेस्वर ना तुमरो पक्स मा अना ओको विरोध मा न्याय करीसेस।
ना च दियो को उजाड़ा मंग कबच तोरो मा चमकेत। अना नाच नौरा नौरीको बोली तोरो मा आयकुआयेत। तोरो धन्धाकरनवारा धरती को मोठो आदमी होतीन। अना तोरो जादू लक सबच लोक गीन भरमाया गयो होतीन।
सब देस ना ओको छिनालापन को नसा मा मत गयो सेत। अना धरती को सबा राजा गीन ना ओको सँगा छिंडरापन करीसेस। अना बिना रोक टोक को धनवान भयी गयो।”
“सबा धरती को राजा जोन वोको संग मा छिनालापन मा मगन रहवत होतिन। जोन वोको संग अय्यासी करत होतिन। वोना स्तो को धुंगा चोवके रोवन अना चिल्लावन लगीन।”